A trend is being observed in all countries. Prosperity is accumulating in the hands of a handful of people. The need for cheap exports and the 1994 GATT treaty for free market have forced industries in all countries to adopt manless production technology. This is increasing GDP on the one hand and spreading unemployment on the other. Due to political superstitions, the prosperity created by machines and natural resources is being prevented from reaching the accounts of the people. It is being said that why should the government give money to the people without getting the work done? This has created a large population in the world that has neither work nor money. The anti-human people guided by their universal recipient blood are happy that now most people in the world will die from malnutrition and disease caused due to lack of money. In such a situation, it has become necessary that the share of machines and natural resources in GDP in all countries should be calculated separately and told to the public. This part of GDP must be transferred to the accounts for the people without conditions of work and tests.
This is the only option left now to bring purchasing power to the people. Hundreds of MPs in India's Parliament have tried this. The Goyal Committee of Parliament had also approved it in 2011. All the parties of India are also copying it half-heartedly. The labor of machines and the voters' share in GDP is known as "Votership Rights" ( #votershipright ) in India. The Voters Party International, VPI in India is struggling to get this right recognised. Millions of people have joined this party. This proposed right of those who vote should be discussed at the international level. Like the problems of poverty, and unemployment other problems like corruption, terrorism, war, threats to climate, hunger, malnutrition, illiteracy, etc. are international problems. These international problems require a world government-like agency to solve. There have been enough academic discussions on the issue of the necessity of world government/UN Reforms. To prevent the man-made disaster of abovesaid international problems in time, the interim parliament and government of all countries of the world must be formed without delay. The World Social Forum, WSF may be the best platform to initiate the formation of the interim government of the earth. For this purpose, the Voters Party International's NRI front of India has organized an activity in Kathmandu. These are new approaches for solving international problems, controlling economic inequality, eradicating poverty, eliminating birth-based economic inequality, and ensuring the participation of all in development and that is why this discussion is very useful. You are all welcome.
सभी देशों में एक प्रवृत्ति देखे जा रही है। मुट्ठी भर लोगों के हाथ में समृद्धि इकट्ठी होती जा रही है। सस्ते निर्यात की जरूरतों ने और मुक्त बाजार के लिए 1994 में की गई गैट संधि ने सभी देशों के उद्योगों को मानव रहित उत्पादन तकनीक अपनाने के लिए विवश किया है। इससे एक तरफ जीडीपी बढ़ रही है और दूसरी तरफ बेरोजगारी फैल रही है। राजनीतिक अंधविश्वासों के कारण मशीनों और प्राकृतिक संसाधनों के कारण पैदा हो रही समृद्धि लोगों के खाते तक पहुंचने से रोका जा रहा है। यह कहा जा रहा है कि बिना काम कराए सरकार लोगों को पैसा क्यों दें? इससे दुनिया में एक बड़ी जनसंख्या ऐसी पैदा हो गई है जिसके पास न तो काम है और न पैसा है। एबी रक्त से पैदा होने वाली मानव विरोधी लोग इस बात से खुश हैं कि अब दुनिया में अधिकांश लोग पैसे के अभाव में कुपोषण और बीमारी से मर जाएंगे। जनसंख्या कम हो जाएगी। ऐसी स्थिति में यह जरूरी हो गया है कि सभी देशों में सकल घरेलू उत्पाद में मशीनों और प्राकृतिक संसाधनों के हिस्से की अलग से गणना किया जाए और जनता को बताया जाए। जीडीपी के इस हिस्से को काम और परीक्षा की शर्त के बिना लोगों के खाते तक पहुंचाया जाए।
लोगों तक क्रय शक्ति पहुंचाने का अब यही एकमात्र विकल्प बचा है। भारत की संसद में सैकड़ो सांसदों ने यह कोशिश किया है। संसद की गोयल कमेटी ने इसको सन 2011 में ही मंजूरी भी दे दिया था। इसकी आधी अधूरी नकल भारत की तमाम पार्टियों कर भी रही है। मशीनों के परिश्रम और सकल घरेलू उत्पाद में एक वोटर के हिस्से को भारत में "वोटरशिप अधिकार" #votershipright के रूप में जाना जाता है। इस अधिकार को पाने के लिए भारत में वोटर्स पार्टी इंटरनेशनल संघर्ष कर रही है। इस पार्टी से लाखों लोग जुड़ चुके हैं। वोट देने वालों के इस प्रस्तावित अधिकार पर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा होनी चाहिए। गरीबी और बेरोजगारी की समस्याएं भ्रष्टाचार, आतंकवाद, युद्ध, जलवायु के लिए खतरा, भूख, कुपोषण, निरक्षरता आदि अन्य समस्याओ जैसी अंतर्राष्ट्रीय समस्याएं हैं। इन अंतरराष्ट्रीय समस्याओं को हल करने के लिए विश्व सरकार जैसी अंतर्राष्ट्रीय एजेंसी की आवश्यकता है। विश्व सरकार/संयुक्त राष्ट्र सुधारों की आवश्यकता के मुद्दे पर पर्याप्त अकादमिक चर्चाएं हो चुकी हैं। उपरोक्त अंतर्राष्ट्रीय समस्याओं की मानव निर्मित आपदा को समय रहते रोकने के लिए विश्व के सभी देशों की अंतरिम संसद और सरकार का अविलम्ब गठन किया जाना चाहिए। विश्व सामाजिक मंच, डब्ल्यूएसएफ पृथ्वी की अंतरिम सरकार के गठन की शुरुआत करने के लिए सबसे अच्छा मंच हो सकता है.इसी उद्देश्य से वोटर्स पार्टी इंटरनेशनल की एन आर आई शाखा ने काठमांडू में एक एक्टिविटी का आयोजन किया है। आर्थिक विषमता को नियंत्रित करने, गरीबी मिटाने, जन्म आधारित आर्थिक विषमता को खत्म करने और विकास में सब की भागीदारी सुनिश्चित करने और अंतर्राष्ट्रीय समस्याओं को हल करने के लिए यह नया उपाय है और इसीलिए यह चर्चा बहुत उपयोगी है। आप सबका स्वागत है।
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VenueNEPAL LAW CAMPUS -BLOCK D-Floor 1- Room(C101)
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Cultural activityNo
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Duration120 Minutes
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Get in touchvpimedia.central@gmail.com
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Modalityphysical
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LanguageEnglish
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Other LanguageHindi
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Social Movements, Civic Space and Future of World Social Forum